पुस्तक पौराणिक कथाओं में आधारित लेखन करने वाले अमीश त्रिपाठी की रामचंद्र सीरीज की दूसरी पुस्तक है। इस किताब के कवर पेज पर सीता को पतिव्रता वाली सीता नहीं, बल्कि पराक्रम वाली सीता को चित्रित किया है। अब तक लोगो के दिमाग मे (मेरे दिमाग मे भी) सीता का नाम आते ही एक पतिव्रता देवी वाली फोटो बन जाती है, लेकिन अमीष त्रिपाठी के द्वारा लिखित “सीता : मिथिला की योद्धा (Sita: Warrior of Mithila)" पुस्तक मे सीता पतिव्रता देवी ही नहीं योद्धा भी है। Read More
“बोगनवेलिया” डॉ कायनात काजी की दूसरी और कहानी संग्रह की पहली पुस्तक है. कायनात की इससे पहले “कृष्णासोबती का साहित्य और समाज” नामक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है. “बोगनवेलिया” प्रेमके अलग-अलग रूपों को बुनी हुई नों (9) कहानियों का संग्रह है. Read More
“बेहया । Behaya” विनीता अस्थाना, जी का एक प्रशंसनीय प्रयास है। किताब का “बेहया” नाम से ही ज़ाहिर हो जाता है, कि यह एक औरत की ज़िंदगी के इर्द गिर्द घुमती हुई कहानी होगी । और ये सच है, कि “बेहया” उपन्यास में आधुनिक व शिक्षित सिया की कहानी है, जो अपनी मेहनत के दम पर अपना नाम कमाने के साथ – साथ घर, परिवार व काम की ज़िम्मेदारी बखूबी संभालती हैं और अपनी लगन से जीवन में ऊंचाइयां छूती हैं. परन्तु समाज को उसकी सफलता महनत और लगन से नहीं बल्क़ि कुछ गलत काम को करके सफल होना नजर आता है, वे उस पर यही सोच कर लांछन लगाते हैं । यह कहानी सिया की ही नहीं उन महिलाओं की भी है जो आधुनिक, शिक्षित व अपने महनत के दम पर कामियाब हैं । Read More