POCSO Act | Protection of Children from Sexual Offences Act

POCSO अधिनियम 14 नवंबर, 2012 को लागू हुआ, जो कि वर्ष 1992 में बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के भारत के अनुसमर्थन के परिणामस्वरूप अधिनियमित किया गया। POCSO अधिनियम का उद्देश्य बच्चों के यौन शोषण और यौन उत्पीड़न के अपराधों को संबोधित करना है, जिन्हें या तो विशेष रूप से परिभाषित नहीं किया गया या पर्याप्त रूप से दंड का प्रावधान नहीं किया गया है। यह अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बच्चे के रूप में परिभाषित करता है। अधिनियम अपराध की गंभीरता के अनुसार सज़ा का प्रावधान करता है।
बच्चों के साथ होने वाले ऐसे अपराधों को रोकने के उद्देश्य से बच्चों के यौन शोषण के मामलों में मृत्युदंड सहित अधिक कठोर दंड का प्रावधान करने की दिशा में वर्ष 2019 में अधिनियम की समीक्षा तथा इसमें संशोधन किया गया।
भारत सरकार ने POCSO अधिनियम, 2020 को भी अधिसूचित कर दिया है।

POCSO अधिनियम का उद्देश्य

यौन शोषण और बच्चों के यौन शोषण के अपराधों को संबोधित करना, जिन्हें या तो विशेष रूप से परिभाषित नहीं किया गया या पर्याप्त रूप से दंडित नहीं किया गया था।

महत्वपूर्ण तथ्य | Important Facts

POCSO अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बच्चे के रूप में परिभाषित करता है।
POCSO अधिनियम के अनुसार, लड़के और लड़कियाँ दोनों यौन शोषण के शिकार हो सकते हैं।
किसी संस्था का प्रभारी कोई भी व्यक्ति (बच्चों को छोड़कर) जो किसी अधीनस्थ से जुड़े यौन अपराध की रिपोर्ट करने में विफल रहता है, उसे सजा का सामना करना पड़ता है।
POCSO अधिनियम के अनुसार, पीड़ित किसी भी समय अपराध की रिपोर्ट कर सकता है, यहां तक कि दुर्व्यवहार होने के वर्षों बाद भी।
POCSO अधिनियम मीडिया के किसी भी रूप में पीड़ित की पहचान का खुलासा करने से मना करता है, जब तक कि अधिनियम द्वारा स्थापित विशेष अदालतों द्वारा अधिकृत न किया गया हो।
नए नियमों में स्कूलों और देखभाल घरों में कर्मचारियों के अनिवार्य पुलिस सत्यापन का प्रावधान, यौन शोषण सामग्री (अश्हील साहित्य) की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया और आयु-उपयुक्त बाल अधिकार शिक्षा प्रदान करना शामिल है।
नियमों के तहत, राज्य सरकारों को बच्चों के खिलाफ हिंसा के प्रति शून्य सहिष्णुता (जीरों टॉलरेंस) के सिद्धांत के आधार पर बाल संरक्षण नीति बनाने के लिए कहा गया है, जिसे बच्चों के साथ काम करने वाले या उनके संपर्क में आने वाले सभी संस्थानों, संगठनों या किसी अन्य एजेंसी द्वारा अपनाया जाएगा।
केंद्र सरकार और प्रत्येक राज्य सरकार समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
केंद्र और राज्य सरकारों को बच्चों के लिए आयु-उपयुक्त शैक्षिक सामग्री और पाठ्यक्रम तैयार करने, उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा के विभिन्‍न पहलुओं के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है।
नियमों के मुताबिक पुलिस कर्मियों और फोरेंसिक विशेषज्ञों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम और गहन पाठ्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं।
बच्चों को आवास देने वाले या बच्चों के नियमित संपर्क में आने वाले किसी भी संस्थान, जिसमें स्कूल, क्रेच, खेल अकादमियां, या बच्चों के लिए कोई अन्य सुविधा शामिल है, को प्रत्येक कर्मचारी का समय-समय पर पुलिस सत्यापन और पृष्ठभूमि की जांच सुनिश्चित करनी होगी।




Frequently Asked Questions

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Qus.What is the Full Form of POCSO ?

Ans.The full form of POCSO is the Protection of Children from Sexual Offences Act