राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड | National Turmeric Board

भारत सरकार ने देश आधिकारिक तौर पर 4 अक्तूबर 2023 को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) की स्थापना की ।

भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में और देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है। हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं। हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की 62% से अधिक हिस्सेदारी है। भारतीय हल्दी के लिए प्रमुख निर्यात बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया हैं।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्देश्य :

देश में हल्दी एवं हल्दी उत्पादों का विकास व वृद्धि करना व हल्दी निर्यात वर्ष 2030 तक बढ़कर 1 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
हल्दी के नए उत्पादों में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ जागरूकता व उपभोग को बढाना तथा निर्यात बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नए बाज़ार विकसित करना।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की संरचना :

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष, आयुष मंत्रालय के सदस्य, केंद्र सरकार के फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और किसान कल्याण, वाणिज्य और उद्योग विभाग, तीन राज्यों के वरिष्ठ राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर) होंगे. र‍िसर्च टीम में राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों, हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधियों शाम‍िल होंगे और वाणिज्य विभाग द्वारा एक सचिव की नियुक्ति की जाएगी।

महत्वपूर्ण तथ्य | Important Facts

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड हल्दी के बारे में जागरूकता और खपत बढ़ाएगा तथा निर्यात बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार विकसित करेगा।
बोर्ड नए उत्पादों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा, मूल्यवर्धित हल्दी उत्पादों के लिए पारंपरिक ज्ञान को विकसित करेगा।
भारत से हल्दी का निर्यात 2030 तक बढ़कर 1 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है ।
यह विशेष रूप से मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ पाने के लिए हल्दी उत्पादकों की क्षमता निर्माण और कौशल विकास पर फोकस करेगा।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों और ऐसे मानकों के पालन को भी प्रोत्साहित करेगा।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) मानवता के लिए हल्दी की पूरी क्षमता की सुरक्षा और उपयोगी दोहन के लिए भी कदम उठाएगा।
भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है।
भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं और यह देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है।
हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं।
हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत से अधिक है।
भारतीय हल्दी के लिए प्रमुख निर्यात बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया हैं।
हल्दी एक मसाला है जो करकुमा लोंगा पौधे की जड़ से प्राप्त होता है।
इसका उपयोग सैकड़ों वर्षों से खाना पकाने में किया जाता रहा है।
हल्दी गहरे, सुनहरे-नारंगी रंग की होती है और इसका स्वाद कड़वा होता है।
इसका उपयोग अक्सर स्वाद या रंग के लिए किया जाता है।।
हल्दी में करक्यूमिन नामक रसायन होता है, जो सूजन को कम कर सकता है। करक्यूमिन हल्दी को पीला रंग भी देता है।
देश में उगाई जाने वाली अधिकतर किसमें खेती वाले क्षेत्र के नाम से ही जानी जाती हैं।
कुछ लोकप्रिय किस्मे : दुग्गिराला, तेकुरपेटा, सुगंधम, अमलापुरम, इरोड, अल्लेप्पी, मूवट्टुपुझआा और लाकाडोंग है।
जी.आई. टेग प्राप्त हल्दी की किसमें : ओडिशा की कंधमाल हल्दी, महाराष्ट्र की सांगली हल्दी, तमिलनाडु की इरोड हल्दी ओर महाराष्ट्र की वाइगाँव हल्दी है।