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आई. एस. बी. एन. - इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर
(ISBN-International Standard Book Number)


आई. एस. बी. एन. - इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर / अंतर्राष्ट्रीय मानक पुस्तक संख्यांक (ISBN-International Standard Book Number) एक अद्वितीय पुस्तक पहचान संख्या होती है। जो पुस्तक जो की प्रकाशकों, पुस्तक विक्रेताओं, पुस्तकालयों, इंटरनेट खुदरा विक्रेताओं और अन्य आपूर्ति श्रृंखला प्रतिभागियों द्वारा आदेश, लिस्टिंग, विक्रय रिकॉर्ड और स्टॉक नियंत्रण प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। आई. एस. बी. एन. को डेविड व्हाइटेकर ने 1967 में यूनाइटेड किंगडम में निर्मित किया था जिनको "आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ के पिता" के रूप में भी माना जाता है। 1966 में बनाई गई 9-अंकीय मानक बुक नंबरिंग ( SBN ) को 1967 में प्रारंभिक ISBN के रूप मे तैयार किया गया था। 1970 मे 10-अंकीय ISBN प्रारूप को अंतर्राष्ट्रीय संगठन मानकीकरण (ISO) द्वारा विकसित किया और अंतर्राष्ट्रीय के रूप में प्रकाशित किया गया। आई. एस. बी. एन. नंबर 1 जनवरी 2007 के बाद यह नंबर 13 अंक लंबा होता है। ISBN में 5 भाग का होता हैं, प्रत्येक अनुभाग को रिक्त स्थान या हाइफ़न द्वारा अलग किया जाता है।

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  1. उपसर्ग तत्व (EAN Prefix) - वर्तमान में यह केवल 978 या 979 हो सकता है। यह हमेशा लंबाई में 3 अंक होता है।
  2. पंजीकरण समूह तत्व (Registration Group) - यह आईएसबीएन सिस्टम में भाग लेने वाले विशेष देश, भौगोलिक क्षेत्र या भाषा क्षेत्र की पहचान करता है। यह तत्व लंबाई के 1 और 5 अंकों के बीच हो सकता है।
  3. कुलसचिव तत्व (Registrant) - यह विशेष प्रकाशक या छाप को पहचानता है। यह लंबाई में 7 अंकों तक हो सकता है।
  4. प्रकाशन तत्व (Publication) - यह एक विशिष्ट शीर्षक के विशेष संस्करण और प्रारूप की पहचान करता है। यह लंबाई में 6 अंकों तक हो सकता है।
  5. चेक तत्व (Check Digit) - यह हमेशा अंतिम एकल अंक होता है जो गणितीय रूप से बाकी संख्या को मान्य करता है। यह 1 और 3 के वैकल्पिक वजन के साथ एक मॉड्यूलस 10 सिस्टम का उपयोग करके गणना की जाती है।

आईएसबीएन कैसे प्राप्त किया जाता है :-

आईएसबीएन प्राप्त करने के लिए प्रकाशक को अपनी राष्ट्रीय आईएसबीएन एजेंसी पर आवेदन करना होता है, अगर आप भारत में स्थित प्रकाशक हैं, तो आप राष्ट्रीय आईएसबीएन एजेंसी राजा राममोहन राय डिपार्टमेंट ऑफ़ हायर एजुकेशन, मिनिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट पर आवेदन करेंगे। वेबसाइट http://www.isbn.gov.in

आईएसबीएन के लाभ :-

  1. मोनोग्राफिक प्रकाशनों के लिए अद्वितीय अंतर्राष्ट्रीय पहचानकर्ता का कार्य करता है।
  2. ISBN को निर्दिष्ट करना, लंबी ग्रंथ सूची संबंधी रिकॉर्ड-रिकॉर्डिंग समय को संभालने की जगह देता है, स्टाफ लागत को कम करता है।
  3. पुस्तक व्यापार निर्देशिका और ग्रंथ सूची संबंधी डेटाबेस के संकलन में मदद करता है।
  4. पुस्तकों के आदेश और वितरण का फास्ट और कुशल तरीका, दुकानों में बिक्री प्रणाली का प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली, विक्रय डेटा का प्रबंधन, स्टॉक नियंत्रणमे सहायता करता है ।
  5. यह सुनिश्चित करता है कि पुस्तक व्यापक रूप से ज्ञात है ।
  6. आईएसबीएन 13-अंकीय EAN-13 बार कोड के रूप में मशीन-पठनीय है। यह तेज और है गलतियों से बचता है।

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Mukesh Kushwah
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