अनुच्छेद: 047

लोकमान्य तिलक अंग्रेजों द्वारा बंदी बनाए गए थे । उन्होंने जेल में अपने आप को अध्ययन में व्यस्त रखा । जेल बहुत ही शांत जगह थी, जहाँ पक्षी भी नहीं चहचहाते थे । तिलक ने अपने भोजन में से थोड़ा खाना पक्षियों के लिए रखना शुरू कर दिया । आरंभ में तो किसी ने वह खाना छुआ नहीं, किन्तु कुछ दिन बाद थोड़े से पक्षियों ने वहाँ आना शुरू कर दिया । धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती गई और वे तिलक के चारों तरफ इकटठे होने लग गए । पक्षी उनके सिर और कंधों पर निडर होकर बैठ जाते थे । उनकी चहचहाहट से वतावरण में मधुर संगीत भर गया । एक दिन गश्त लगाते हुए जेलर तिलक की कोठरी की ओर आए । पक्षियों की चहचहाहट सुनकर उन्होंने कोठरी मे झाँका और पूर्णतः आश्चर्यवकित रह गए ! उसने कहा, “यहाँ तो हर कोई पक्षियों को खा जाता है, इसलिए पक्षी इस ओर नहीं आते हैं ।” तिलक हँसकर बोले, “पक्षी भी मित्र और शत्रु में भेद कर सकते हैं ।”


Q.01 : तिलक जेल में अपना समय कैसे व्यतीत करते थे?

A. पक्षियों को खाना खिलाकर
B. अध्ययन करके
C. जेलर से बात करके
D. पक्षियों की चहचहाहट को सुनकर
Answer : B. अध्ययन करके
 

Q.02 : तिलक अपने भोजन में से पक्षियों के लिए कुछ खाना क्‍यों रखते थे ?

A. उनके पास पर्याप्त भोजन था
B. वे बहुत अकेला महसूस करते थे
C. उन्हें पक्षी और उनकी चहचहाहट पसंद थी
D. पक्षियों के लिए खाना रखना उनकी आदत थी
Answer : B. वे बहुत अकेला महसूस करते थे

Q.03 : “धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती गई ।” “उनकी” किनके लिए प्रयुक्त हुआ है ?

A. कैदियों के लिए
B. कंधों के लिए
C. पुस्तकों के लिए
D. पक्षियों के लिए
Answer : D. पक्षियों के लिए
 

Q.04 : पक्षी तिलक के कंधों और सिर पर बैठते थे, क्योंकि ?

A. वे अध्ययन में व्यस्त थे
B. पक्षी उनसे नहीं डरते थे
C. वे उनसे परेशान नहीं होते थे
D. उन्होंने बुलाया था
Answer : B. पक्षी उनसे नहीं डरते थे
   

Q.05 :  पक्षी जेल की ओर नहीं आते थे, क्योंकि

A. कैदी उन्हें खा जाते थे
B. वे जेलर से डरते थे
C. वे तिलक से डरते थे
D. उन्हें वहाँ खाना नहीं मिलता था
Answer : A. कैदी उन्हें खा जाते थे


अपठित गद्यांश