अनुच्छेद: 046
एक दिन एक बकरी जंगल में घूम रही थी । वह घास खाने लगी तभी एक शेर वहाँ आ गया । बकरी विचलित नहीं हुई और वह शेर से
लड़ने को तैयार हो गई । यह देखकर शेर बैठ गया और उसने कहा, “ऐ छोटी बकरी, घबरा मत! मैं तुझे अभी नहीं खाऊंगा ।
अगर तू मुझे तीन सत्य बातें बता दे, तो मैं तुझे क्षमा कर दूँगा ।”\
बकरी ने जल्दी से सोचा और कहा, “धन्यवाद महोदय! मैं कोशिश करूँगी पहली सत्य बात यह है कि अगर मैं वापस जाकर अपने मित्रों
को बताऊँ कि मुझे एक शेर मिला था । उसने मुझे नहीं खाया: वे मेरा विश्वास नहीं करेंगें ।” “बिल्कुल सत्य है ।” शेर ने कहा ।
“दूसरी सत्य बात है कि अगर आप वापस जाकर अपने मित्रों को बतावें कि एक बकरी मिली थी और आपने उसे नहीं खाया, वे आपका
विश्वास नहीं करेंगे ।” “तुम विल्कुल सत्य बोल रही हो ।” शेर ने कहा । “और श्रीमान् तीसरी सत्य बात है कि आप यहाँ बैठकर
ध्यानपूर्वक मेरी बातें सुन रहे हैं । इसका मतलब है कि आप वास्तव में भूखे नहीं हैं ।” “तुम फिर सत्य बोल रही हो ।” शेर ने कहा,
“लेकिन इससे पहले कि मैं अपना विचार बदलूँ तुम यहाँ से भाग जाओं । दुबारा मैं तुमको क्षमा नही करूँगा ।” पुनः पकड़ने का अवसर
मैं आपको नहीं दूँगी ।” भागती हुई बकरी ने कहा-“यह चौथा सत्य है ।”