अनुच्छेद: 045
हाथी के सम्बन्ध में सबसे अनोखी चीज उसकी सूँड़ है। यह उससे छोटे पेड़ के तने को चारों ओर लपेट कर, पेड़ को जड़ सहित उखाड़
सकता है । माता हथिनी अपनी सूँड़ का उपयोग अपने बच्चे को थपथपाने के लिए करती है । यदि हाथी को मक्खियाँ तंग करती हैं तो
वह अपनी सूँड़ से धूल उठाकर फूँक से अपनी पीठ पर बिखेर देता है । मौसम गरम होने पर वह इसका उपयोग फुहारा स्नान के लिए
करता है ।काम करते समय भारी-से भारी लट्ठा उठाकर उसे दूर ले जाता है । हाथी की सूँड़ मांसपेशियों का पुंज है, किन्तु यह बहुत
कोमल भी है । लड़ाई के समय, हाथी अपनी सूँड़ को मोड़कर एक तरफ हटा लेता है । कुछ लोग सोचते हैं कि जैसे हम किसी नली से
पानी पीते हैं, हाथी भी वैसे ही अपनी सूँड़ से पानी पीता है । यह सच नहीं है । हाथी अपनी सूँड़ का उपयोग पानी छिड़कने के लिए
करता है । फिर वह पानी को अपने मुँह में उड़ेल देता है ।