अनुच्छेद: 042
पृथ्वीतल सदा बदलता रहता है । आज उसका जो भाग जल में डूबा हुआ है शायद अनेक वर्ष पूर्व समुद्र से ऊपर रहा होगा । सीपियाँ जो कभी पानी के नीचे रही होंगी
आज बहुत ऊँचे स्थलों पर पाई जाती हैं । हिमालय पर्वत की अनेक चोटियों के समीप हमें ऐसी चट्टानें मिलती हैं जो समुद्रतल में पाये जाने वाले पदार्थ से बनी हुई हैं ।
इसका यह अर्थ हुआ कि कभी हिमालय समुद्र में डूबा हुआ था । नदियाँ अपने साथ मिट॒टी बहा ले जाती हैं और चट्टानों को घिसती जाती हैं । हवाएँ रेत और धूल को उड़ा ले
जाती हैं । कभी-कभी पृथ्वी-तल काएक भाग धीरे-धीरे ऊपर उठता है या धीरे-धीरे नीचे चलता जाता है । ऐसी घटनाएँ अधिकतर होती ही रहती हैं और धीरे-धीरे पृथ्वी-तल
को बदलती रहती हैं । किन्तु जब कभी भूकम्प आता है तो पृथ्वी-तल में अचानक परिवर्तन आ जाता है ।