अनुच्छेद: 038
अधिकांश गाँव वाले गरीब और अज्ञानी हैं । किसान उत्तम बीज और खाद नहीं खरीद सकते, क्योंकि उन्हें हमेशा पैसे की तंगी रहती है । उन्हें साहूकार से रूपये उधार लेना
पड़ता है जो उनकी गरीबी का फायदा उठाता है और भारी ब्याज वसूलता है । इस प्रकार किसानों की जिन्दगी कर्ज के बोझ के नीचे दब जाती है । अपनी अज्ञानता के कारण
किसान खेती के नए-नए तौर तरीके नहीं सीख पाते । इसलिए वे अपने खेतों की उपज नहीं बढ़ा पते। नतीजा यह होता है कि उनकी आमदनी कम रहती है । सरकार इन आर्थिक
समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रही है । इसके साथ-साथ लोगों को भी अपनी कठिनाइयों को दूर करने के लिए सख्त मेहनत करनी चाहिए । परस्पर सहयोग और
मिल-जुलकर काम करने की भावना इन समस्याओं को सुलझाने में बहुत सहायक हो सकती है । यदि लोग खुशी-खुशी सहयोग करें तो कोई ऐसी चीज नहीं है,
जिसे प्राप्त न किया जा सके ।