अनुच्छेद: 037

एक बार राजकुमार सिद्धार्थ जंगल में गया । अचानक एक सुन्दर हंस उसके पैरों के पास जमीन पर आ गिरा, उसने हंस को उठा लिया । उसने देखा कि हंस की बगल में एक तीर घुसा हुआ है । वह बेबस था और हिल भी नहीं सकता था । सिद्धार्थ ने तीर निकाल लिया । इससे ढेर सारा खून निकल पड़ा । वह हंस को अपने महल में ले आया और बड़े प्यार से कई दिनों तक उसकी देखभाल करता रहा । वह उसे प्यार से खाना भी खिलाता था । जब हंस ठीक हो गया, तब सिद्धार्थ ने उसे जंगल में छोड़ दिया ।


Q.01 : सिद्धार्थ ने हंस को उठाया ।

A. महल में
B. जंगल में
C. झील में
D. गली में
Answer : B. जंगल में
 

Q.02 : हंस सिद्धार्थ के पैरों के पास आ गिरा, क्योंकि वह ?

A. कमजोर था
B. सुन्दर था
C. घायल था
D. भूखा था
Answer : C. घायल था

Q.03 : सिद्धार्थ ने हंस को उठा लिया, क्योंकि ?

A. हंस सुन्दर था
B. वह दयालु था
C. वह हंस को महल में रखना चाहता था
D. उसे पक्षियों को महल में रखना चाहता था
Answer : B. वह दयालु था
 

Q.04 : सिद्धार्थ ने हंस को जंगल में छोड़ दिया, क्योंकि ?

A. वह घायल पक्षी की देखभाल करते-करते थक गया था
B. वह चाहता था कि पक्षी जंगल में स्वतंत्रतापूर्वक और प्रसत्र रहे
C. उसे हंस पसन्द नहीं था
D. महल में पक्षियों के लिए कोई स्थान नहीं था
Answer : B. वह चाहता था कि पक्षी जंगल में स्वतंत्रतापूर्वक और प्रसत्र रहे
   

Q.05 :  इस कथन से हमें क्‍या शिक्षा मिलती है ?

A. हमें पक्षियों की देखभाल करनी चाहिए
B. प्रत्येक जीव के प्रति दयालु रहो
C. पक्षियों को खाना खिलाना चाहिए
D. तीरों का इस्तेमाल मत करो
Answer : B. प्रत्येक जीव के प्रति दयालु रहो


अपठित गद्यांश