अनुच्छेद: 034
कुछ साल पहले जापान के बच्चों ने जवाहरलाल नेहरू को लिखा और उनसे प्रार्थना की कि वे उनको एक हाथी भेज दें । भारत के बच्चों की ओर से उन्होंने उनको एक सुन्दर
हाथी भेज दिया । यह हाथी मैसूर से आया था । उसे समुद्री रास्ते से जापान भेजा गया । जब वह टोकियों पहुँचा तो हजारों बच्चे उसे देखने आये । उनमें से बहुतों ने कभी
हाथी नहीं देखा था । वह राजसी पशु उनके लिए भारत का एक प्रतीक बन गया । इस प्रकार जापान और भारत के बच्चे एक-दूसरे से जुड़ गये । नेहरूजी को इस बात से
बहुत खुशी हुई कि उनके इस उपहार से जापान के अनेक बच्चे खुश हुए और हमारे देश के बारे में सोचने लगे ।