अनुच्छेद: 031
महादेव गोविन्द रानाडे का नाम तुमने जरुर सुना होगा । रानाडे पहले जज थे, अब वे देश-सेवा के काम में लग गए । उनके जमाने में हमारे देश
पर अग्रेजो का शासन था । रानाडे ने प्रत्येक भारतवासी की शिक्षा के लिए विदेशी सरकार से जगह-जगह विद्यालय खोलने को कहा ।
रानाडे सोचते थे कि जब सारे देशवासी पढ लिख जाएँगे, तब वे समझेगे कि आजादी क्या है । सभी लोग आजादी पाने के लिए प्रयास करेगे,
बलिदान करेगे । इसके लिए वे हमेशा विदेशी सरकार से लडते रहे । वे हमारे देश के महान नेता थे । वे जितने महान थे, उतने ही कोमल
और विनम्र भी, उनके जीवन से हमे यह सीख मिलती है कि लाचारो की सहायता करना मनुष्य का परम धर्म है ।