अनुच्छेद: 025

बादशाह नसरुद्दीन अपनी उदारता और अपने नम्र स्वभाव के लिए बहुत विख्यात है । बादशाह होने पर भी अपने निजी खर्च के लिए उन्होंने शाही खजाने से कभी एक पैसा भी नहीं लिया । वे बच्चों को पढ़ाया करते थे और उससे अपनी रोजी कमाते थे ।
एक दिन खाना बनाते समय उनकी बेगम का हाथ जल गया तथा असह्वा पीड़ा होने लगी । वे भागी हुई नसरुद्दीन के पास गई और चीखकर बोलीं, “देखो तो,, मेरा हाथ जल गया । क्या आप जैसा बड़ा बादशाह एक रसोइया भी नहीं रख सकता ?” बादशाह मुस्कराये और धीरे से बोले, “बेगम साहिबा ! यह न भूलें कि यह शाही खजाना मेरा नहीं है । यह मेरी प्रजा का है। अपने लिए इसमें से एक पैसा भी लेना पाप होगा ।” यह सुनकर बेगम चुप हो गई और चुपचाप रसोई में चली गई ।


Q.01 : नसरुद्दीन मानते थे कि शाही खजाने का धन ?

A. शाही परिवार का है
B. उनकी प्रजा का है
C. रानी का है
D. उन्हीं का है
Answer : B. उनकी प्रजा का है
 

Q.02 : नसरुद्दीन शाही खजाने से कुछ भी धन नहीं लेते थे, क्योंकि वे ?

A. एक कंजूस आदमी थे
B. डरते थे
C. एक बादशाह थे
D. ईमानदार थे
Answer : D. ईमानदार थे

Q.03 : नसरुद्दीन के उत्तर को सुनकर बेगम इसलिए चुप हो गई, क्योंकि ?

A. वे बादशाह के उच्च विचारों से बहुत प्रभावित हो गई थीं
B. उन्होंने सोचा कि बादशाह नाराज हो गए थे
C. उनके पास कोई उत्तर नहीं था
D. वे आश्चर्य में पड़ गई
Answer : A. वे बादशाह के उच्च विचारों से बहुत प्रभावित हो गई थीं
 

Q.04 : नसरुद्दीन बच्चों को इसलिए पढ़ाया करते, क्योंकि वे चाहते थे ?

A. बच्चों के साथ आनन्द लेना
B. अपने लोगों का शिक्षित करना
C. अपनी प्रजा को प्रसन्‍न करना
D. अपने निजी खर्च के लिए पैसा कमाना
Answer : D. अपने निजी खर्च के लिए पैसा कमाना
   

Q.05 :  बेगम, नसरुद्दीन के आगे इसलिए चीख पड़ी, क्योंकि

A. शाही खजाने में ढेर सारा धन था
B. वे अच्छा खाना नहीं बनाती थीं
C. उनका हाथ जल गया था
D. वे चाहिए थीं कि उनके पास कई नौकर रहें ।
Answer : C. उनका हाथ जल गया था


अपठित गद्यांश