अनुच्छेद: 023

एक दिन एक व्यापारी भगवान बुद्ध के पास गया और उनको गालियाँ देने लगा । व्यापारी ने उनको बहुत अधिक गालियाँ दीं, किन्तु भगवान बुद्ध बिलकुल चुप रहे । व्यापारी ने जब गालियाँ देना बन्द कर दिया, तब भगवान बुद्ध ने उससे पूछा, भाई, क्या आपके घर कभी कोई अतिथि आते हैं ? उसने उत्तर दिया, “हाँ, आते हैं ।” तब भगवान बुद्ध ने उससे पूछा, “क्या आप उन्हें भोजन देते हैं ?” “हाँ, देते हैं ।” व्यापारी बोला । तब भगवान बुद्ध ने फिर उससे पूछा, “मान लें, आप अतिथि को जो कुछ दें, वह उसे स्वीकार न करें, तो!” व्यापारी ने उत्तर दिया, “आपका प्रश्न कितना हास्यास्पद है । अगर वे स्वीकार नहीं करेंगें तो वह भोजन हमारे पास ही रहेगा ।” तब भगवान बुद्ध ने धीरे से कहा, “जो कुछ आप मुझे दे रहे थे, वह अब आपके पास ही है ।” भगवान बुद्ध के इतना कहते ही व्यापारी बहुत लज्जित हो गया और उसने प्रण किया कि वह भविष्य में कभी बुरी भाषा का प्रयोग नहीं करेगा ।


Q.01 : जब व्यापारी ने भगवान बुद्ध को गालियाँ दीं तब

A. वे चुप रहे
B. वे नाराज हो गये
C. वे मुस्क॒राने लगे
D. उन्होंने व्यापारी को भोजन दिया
Answer : A. वे चुप रहे
 

Q.02 : व्यापारी के गालियाँ देने पर भी भगवान बुद्ध ने उसे भाई कहकर पुकारा । इससे भगवान बुद्ध के चरित्र की कौन-सी विशेषता प्रकट होती है ?

A. महानता
B. कायरता
C. चतुराई
D. उदासीनता
Answer : A. महानता

Q.03 : व्यापारी ने भगवान बुद्ध को गालियाँ देना बन्द कर दिया, क्योंकि -

A. उसने महसूस किया कि उनको गालियाँ देना बेकार है ।
B. वह गाली देते-देते थक गया था ।
C. भगवान बुद्ध ने उसे कोई उत्तर नहीं दिया ।
D. वह अपने-आप को लज्जित महसूस करने लगा ।
Answer : C. भगवान बुद्ध ने उसे कोई उत्तर नहीं दिया ।
 

Q.04 : इस गद्यांश द्वारा लेखक क्‍या प्रस्तुत करना चाहता है ?

A. व्यापारी की मूर्खता का वर्णन
B. भगवान बुद्ध की चतुराई का वर्णन
C. भगवान बुद्ध की सहनशीलता
D. व्यापारी का अक्खड़पन
Answer : C. भगवान बुद्ध की सहनशीलता
   

Q.05 :  भगवान बुद्ध के उत्तर का क्या प्रभाव पड़ा?

A. व्यापारी ने प्रण किया कि वह कभी किसी को गाली नहीं देगा
B. गालियों को भगवान बुद्ध ने स्वीकार कर लिया
C. व्यापारी और अधिक नाराज होता गया
D. भगवान बुद्ध चुप हो गये
Answer : A. व्यापारी ने प्रण किया कि वह कभी किसी को गाली नहीं देगा


अपठित गद्यांश