अनुच्छेद: 022
एशिया के एक प्रसिद्ध जीवन-शास्त्री का कहना है, कि जिन्दगी संघर्ष से भरी हुई है । एक के बाद एक खींच-तान लगी ही रहती है और चैन
नहीं मिल पाता, इसलिए जीवन में उन क्षणों की बहुत कीमत है जो जीवन को गुदगुदा दें और खींच-तान को तेजी से भुला दें ।
इस जीवन-शास्त्री ने लोगों को एक बड़ा दिलचस्प मशवरा दिया है कि जब तुम अपने किसी मित्र-दोस्त से बात करने बैठों, तो घड़ी का मुँह दीवाल
की तरफ कर दो ।
जब उससे पूछा गया कि बातचीत का और घड़ी का क्या सम्बन्ध है, तो उत्तर मिला कि वह कमबख्त याद दिलाती रहती है कि इतनी देर हो
गई-इतनी देर हो गई: और इस तरह यह आनन्द-क्षण खंडित हो जाता है, जो मित्र की बातचीत से मिलता है ।