अनुच्छेद: 020
एक बार राष्ट्रपति डगलस, अब्राहम लिंकन के शहर में दास-प्रथा के पक्ष में लोगों को समझाने आये । लिंकन ने इनका विरोध किया । अब्राहम ने कहा- “गुलामी एक तरह का पाप है ।
किसी को यह हक नहीं है कि वह दूसरों को दास बना कर रखे ।” इस झगड़े में अब्राहम लिंकन को काफी प्रसिद्धि मिली वे राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े और उसमें उनकी जीत हुई ।
लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति बन गये । उनकी पत्नी का स्वप्न साकार हो गया । जिस समय लिंकन राष्ट्रपति हुए, उस समय उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेंरिका के बीच घोर विरोध
चला रहा था । अब्राहम लिंकन अमेरिका की अखण्डता को कायम रखना चाहते थे । उन्होंने निश्चय किया कि वे देश को एकसूत्र में बाँधे रखेंगे और दास-प्रथा को जड़ से उखाड़ देंगे।
इसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा । अन्त में, इन दोनों उद्देश्य की पूर्ति में उन्हें सफलता मिली । अब्राहम लिंकन के आगे बढ़ने में मेरी का बड़ा हाथ रहा ।
उसने लिंकन से विवाह किया था । वह बहुत सुन्दर और सुशिक्षित थी । अपनी सहेलियों से कहा करती थी कि वह अमेरिका के भावी राष्ट्रपति से विवाह करेगी ।
यह बात सुनकर सहेलियाँ उसकी हँसी उड़ाया करतीं।