अनुच्छेद: 019

टेलीफोन ने समय और दूरी के फासले में परिवर्तन कर दिखाया है । मैदान में खड़े रहकर हम जोर से चिल्लाएँ तो हमारी आवाज ज्यादा-से-ज्यादा एक सौ गज तक पहुँच पाएगी । लेकिन, टेलीफोन पर धीरे से भी बोलें तो हजारों मील की दूरी तक आवाज आसानी से पहुँच जाती है । दरअसल टेलीफोन की आवाज बिजली की लहरों के जरिए भेजी जाती है । इन लहरों की रफ्तार आवाज से लाख गुनी ज्यादा है । टेलीफोन ने हमारी आवाज में मानों पंख लगा दिए हैं । टेलीफोन के आविष्कार की कहानी बड़ी मनोरंजक है । इसे समझने के लिए आवाज के बारे में थोड़ी जानकारी हासिल कर लेनी जरूरी है । चोट करने पर नगाड़े के चमड़े का पर्दा कंपन करने लगता है और तभी आवाज पैदा होती है । थाली पर डण्डे की चोट करने पर थाली में कँपकँपी पैदा होती है, और आवाज सुनाई पड़ती है । सितार के तार पर जब मिजराब से चोट करते हैं, तब तार भी कॉँपने लगता है और उससे आवाज पैदा होती है । कँपकैँपी से हवा में कंपन होता है, जिसे आवाज की लहरें कहते हैं । हवा में उत्पन्न होने वाली ये लहरें जब हमारे कानों के पर्दे पर चोट करती हैं, तो पर्दे में हरकत पैदा होती है और हमें आवाज सुनाई पड़ने लगती है ।


Q.01 : मैदान में चिल्लाने से हमारी आवाज ज्यादा-से ज्यादा कितने गज दूर पहुँचेगी ?

A. एक सौ
B. दो सौ
C. तीन सौ
D. चार सौ
Answer : A. एक सौ
 

Q.02 : टेलीफोन ने हमारी आवाज में मानों क्‍या लगा दिए हैं ?

A. हवाई जहाज
B. बिजली
C. पंख
D. घोड़े
Answer : C. पंख

Q.03 : टेलीफोन ने किस मे परिवर्तन कर दिया ?

A. समय मे
B. समय और दूरी मे
C. दूरी मे
D. इनमे से कोई नही
Answer : B. समय और दूरी मे
 

Q.04 : हवा में उत्पत्र होने वाली लहरें हमारे कानों के पर्दे पर चोट करती हैं तो पर्दे में क्या पैदा होती है ?

A. खुजली
B. जलन
C. पीड़ा
D. हरकत
Answer : D. हरकत
   

Q.05 :  सितार के तार पर किस वस्तु से चोट की जाती है ?

A. उँगली
B. डण्डे
C. मिजराव
D. जुराब
Answer : C. मिजराव


अपठित गद्यांश