अनुच्छेद: 014
तानसेन को भारत का महानतम संगीतकार कहा जाता है । यह माना जाता है । कि उत्तर भारत मे उसी ने शास्त्रीय संगीत का परिचय कराया था । तानसेन ने अपने गुरु हरिदास स्वामी से
संगीत सीखा था । उसे संगीत के प्रति बहुत लगाव था । वह अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक था । तानसेन अपनी कला में इतना निपुण था कि वह अपने गायन से चमत्कार कर
सकता था । कहा जाता है कि वह मेघ मल्हार राग गाकर बर्षा करा सकता थां । इस प्रकार दीपक राग गाकर वह दिये जला सकता था । ऐसा कोई नही था, जो उससे अच्छा प्रदर्शन
कर सकता हो । अकबर उस की कला से इतना प्रशन्न हुआ कि उसने उसे मियाँ की उपाधि दे दी । संगीत की दुनिया में तानसेन का योगदान अमूल्य है । आज भी विश्व के अग्रणी
गायको और संगीतकारो द्वारा पूजा जाता है ।