अनुच्छेद: 014

तानसेन को भारत का महानतम संगीतकार कहा जाता है । यह माना जाता है । कि उत्तर भारत मे उसी ने शास्त्रीय संगीत का परिचय कराया था । तानसेन ने अपने गुरु हरिदास स्वामी से संगीत सीखा था । उसे संगीत के प्रति बहुत लगाव था । वह अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक था । तानसेन अपनी कला में इतना निपुण था कि वह अपने गायन से चमत्कार कर सकता था । कहा जाता है कि वह मेघ मल्हार राग गाकर बर्षा करा सकता थां । इस प्रकार दीपक राग गाकर वह दिये जला सकता था । ऐसा कोई नही था, जो उससे अच्छा प्रदर्शन कर सकता हो । अकबर उस की कला से इतना प्रशन्‍न हुआ कि उसने उसे मियाँ की उपाधि दे दी । संगीत की दुनिया में तानसेन का योगदान अमूल्य है । आज भी विश्व के अग्रणी गायको और संगीतकारो द्वारा पूजा जाता है ।


Q.01 : पहले वाक्य मे आए “महानतम“ शब्द का अर्थ है-

A. तानसेन से अच्छा कोई नही है
B. अन्य लोग है जो तानसेन से अच्छे है
C. तानसेन सबसे अच्छों मे है
D. तानसेन महान मानव है
Answer : C. तानसेन सबसे अच्छों मे है
 

Q.02 : "बहुत लगाव" का आशय है-

A. बहुत ज्ञान
B. बहुत सर्जन
C. बहुत प्यार
D. बहुत सम्मान
Answer : C. बहुत प्यार

Q.03 : तानसेन के संगीत को श्रेष्ठ कहा जाता है, क्योकि ?

A. वह अपने रागो को गा सकता था।
B. वह महान मनोविनोद करने वाला था।
C. उस जैसा शास्त्रीय संगीत कोई नही बजा सकता था।
D. वह अपने संगीत से चमत्कार कर सकता था।
Answer : D. वह अपने संगीत से चमत्कार कर सकता था।
 

Q.04 : उसे मियाँ या नवरत्न की उपाधि देकर अकबर प्रदर्शित कर रहा था।

A. उदारता
B. प्रशंसा
C. क्रोध
D. प्रसन्नता
Answer : B. प्रशंसा
   

Q.05 :  किस राग को गाने से तानसेन दीपक जला देता था ?

A. मियाँ की तोडी
B. दीपक राग
C. मघ मल्हार
D. अग्नि राग
Answer : B. दीपक राग


अपठित गद्यांश