अनुच्छेद: 012

जिन महापुरुषों ने भारतीय समाज की दुव्यवस्था एवं गलत नीतियों को दूर करने मे अपने जीवन के अमूल्य क्षणों का सदुपयोग किया, उनमे राजा राममोहन राय का नाम प्रमुख है । उन्होने सती-प्रथा और बाल-विवाह जैसी कुरीतियों को बन्द करने का आन्दोलन चलाया जो आगे चलकर सफल हुआ वे नये भारत के पिता के नाम से हमारे देश में प्रतिष्ठा थे । राजा राममोहन राय ने समाज की कुरीतियों को हटाने के लिए पुस्तकें लिखी, लेख लिखे और निर्भय होकर बुराइयो का भंडाफोड किया । उन्होने ब्रहा समाज की स्थापना की । उनके चलते बंगाल के हिन्दू नवयुवक समझने लगे कि हिन्दू ठोस है और ढोगियों ने इनमे बुराइयाँ फैला रखी है । राममोहन राय के समय बंगाल में अग्रेजी शासन था । उन्होने शासन की आर से ऐसे कानून बनवाने की कोशिश की जिनसे भारतवासियो में फैली बुराइयॉ दूर हों । उन्होने देखा कि अंग्रेजी सरकार हुकूमत के लिए अंग्रजी में कागज-पत्र लिखती है । कानून की किताब अग्रेजी में लिखी जाती हैं । भारत के लोग अंग्रजी पढना-लिखना नही जानते और इसलिए सिर्फ चपरासी बनाये जाते है । उस समय अंग्रेज नही चाहते थे कि भारतीय अंग्रजी पढे । उनको डर था कि अंग्रेजी पढ जाने से वे हुकूमत में टॉग अडायेंगे और अंग्रेजो की पोल खुल जाएगी । राममोहन राय अंग्रेजों की चाल समझ गये थे । उन्होने आन्दोलन किया । दो-चार अंग्रेजो ने भी उन का समर्थन किया । लाचार होकर अंग्रजी सरकार ने भारतीयों कों अंग्रेजी पढने के लिए शिक्षा विभाग खोला ।


Q.01 : सती-प्रथा और बाल-विवाह राममोहन राय के जमाने की क्या थी ?

A. प्रथाएँ
B. कुरीतियाँ
C. संस्कार
D. रीतियाँ
Answer : B. कुरीतियाँ
 

Q.02 : राममोहन राय ने किस समाज को स्थापित किया ?

A. वैष्णव समाज
B. आर्य समाज
C. हिन्दू समाज
D. ब्रह्म समाज
Answer : D. ब्रह्म समाज

Q.03 : हुकूमत के लिए अंग्रेजी सरकार कागज-पत्र किस भाषा मे लिखती थी ?

A. लैटिन
B. संस्कृत
C. अंग्रेजी
D. हिन्दी
Answer : C. अंग्रेजी
 

Q.04 : राममोहन राय के समय में भारतीय किस नौकरी मे लिये जाते थे ?

A. किरानी
B. चपरासी
C. सिपाही
D. दरोगा
Answer : B. चपरासी
   

Q.05 :  लाचार होकर अंग्रेजी सरकार ने भारतीयो को अंग्रेजी पढाने के लिए विभाग खोला क्‍यों ?

A. भारतीयो की मॉग पर
B. राममोहन राय के आन्दोलन करने पर
C. भारतीयो को नोकर बनाने के लिए
D. सरकारी काम काज चलाने के उद्देश्य से
Answer : B. राममोहन राय के आन्दोलन करने पर


अपठित गद्यांश