अनुच्छेद: 005

वाराणसी को काशी और बनारस भी कहा जाता है। यह गंगा के किनारे बने घाटों के लिए प्रसिद्ध है। वाराणसी का विश्वनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है। वाराणसी का हिंदू विश्वविद्यालय शिक्षा का प्रमुख केंद्र है । इसकी स्थापना महामना मदनमोहन मालवीय ने लोगों की सहायता की थी। वाराणसी से 10 -12 किमी की दूरी पर एक स्मरणीय स्थान है- सारनाथ। यहां पर एक पुराना स्पूत है। सारनाथ में बुद्ध ने अपने पांच शिष्यों को सबसे पहले बौद्ध धर्म की शिक्षा दी थी। सारनाथ में बुद्ध के अनेक स्तूप हैं । यहां श्रीलंका , थाईलैंड , चीन ,  जापान आदि देशों द्वारा बनवाए गए मंदिर भी प्रसिद्ध है । सारनाथ में एक राजकीय संग्रहालय है, जिसमें बहुत-सी मूर्तियां रखी गई हैं। यहां सम्राट अशोक के चार सिहो वाला स्तंभ भी रखा गया है। यह हमारा राज-चिन्ह है। बताओ-इस चिन्ह को तुमने कहां- कहां देखा है? वाराणसी जरी और रेशम के काम के लिए प्रसिद्ध है प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां और  तबला वादक किशनजी महाराज वाराणसी के रहने वाले थे। 


Q.01 : काशी में है, एक भव्य

(1) विश्वनाथ मंदिर
(2) साईं मंदिर
(3) क्रिशिच्यन चर्च
(4) लाल पत्थर का मंदिर 
Answer : (1) विश्वनाथ मंदिर

Q.02 : काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की?

(1) दीनदयाल उपाध्याय ने
(2) भीमराव अंबेडकर ने
(3) मदन मोहन मालवीय ने
(4) राजीव गांधी ने
Answer : (3) मदन मोहन मालवीय ने

Q.03 : सारनाथ अवस्थित है, वाराणसी से -

(1)20-25 किलोमीटर की दूरी पर
(2) 10-15 किलोमीटर की दूरी पर 
(3) 10-12 किलोमीटर की दूरी पर 
(4) 30-35 किलोमीटर की दूरी पर
Answer : (3) 10-12 किलोमीटर की दूरी पर

Q.04 : सारनाथ स्थित अशोक के स्तंभ में है

(1)  तीन सिंह
(2) चार सिंह
(3) पांच सिंह
(4) दो सिंह 
Answer : (2) चार सिंह

Q.05 : वाराणसी निवासी किशन जी महाराज का संबंध किस वाद्ययंत्र से है?

(1)  सितार
(2)  तबला
(3)  वायलिन
(4)  शहनाई
Answer : (2)  तबला


अपठित गद्यांश