पी. एन. कौला
P.N. Kalula

पद्मश्री प्रो. पृथ्वी नाथ कौला एक लाइब्रेरियन थे ।


पद्मश्री प्रो. पृथ्वी नाथ कौला (Prithvi Nath Kaula) एक लाइब्रेरियन, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विशेषज्ञ और लेखक थे । इनका जन्म 13 मार्च 1924 को हब्बाकदल,श्रीनगर (Habbakadal, Srinagar) में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था । इनके पिता का नाम दामोदर कौला व माता का नाम पोश कुजी कौला था । पृथ्वी नाथ कौला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डी.ए.वी स्कूल, श्रीनगर से और स्नातक एस. पी. कॉलेज, श्रीनगर से किया। उन्होंने वाराणसी से लाइब्रेरी साइंस मे डिप्लोमा व दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ रंगनाथन के अधीन लाइब्रेरी साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे । पृथ्वी नाथ कौला (Prithvi Nath Kaula) ने 1950 मे हरिहर नाथ कौला की पुत्री कमला से विवाह किया। प्रो. पी.एन. कौला के परिवार मे दो पुत्र (राजीव और अनिल) और तीन पुत्री (संगीता, नीरजा व नमिता) थे । दुर्भाग्य से हमने 30 अगस्त 2009 को प्रो. पी.एन. कौला के रूप में ज्ञान का खजाना खो दिया। प्रो. कौला पूरी दुनिया के पुस्तकालय मानचित्र पर ध्रुव तारे के रूप में खड़े है,जो आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करता है। वह एक अग्रणी व्यक्तित्व के साथ नेतृत्व गुणों का एक प्रतीक है और अपने विषय के लिए एक विद्वानों, समर्पण के साथ ज्ञान के भंडार है। पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

शिक्षण कैरियर

पृथ्वी नाथ कौला (Prithvi Nath Kaula) ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1944 में श्रीनगर के डीएवी कॉलेज में लाइब्रेरियन के रूप में की थी। 1945 में पृथ्वी नाथ कौला (Prithvi Nath Kaula) को कश्मीर राज्य का पहला लाइब्रेरियन बनाया गया। प्रो. कौला ने 1947 में डीएवी कॉलेज, श्रीनगर छोड़ दिया और 31 अक्टूबर 1947 को बिड़ला सेंट्रल लाइब्रेरी, पिलानी राजस्थान (Birla Central Library, Pilani, Rajasthan) में शामिल हो गए । प्रो. कौला ने 1948-1950 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में तकनीकी सहायक के रूप में भी काम किया। इन दौरान वह दिल्ली कॉलेज (जिसे अब ज़ाकिर हुसैन कॉलेज के नाम से जाना जाता है ।) के पुस्तकालय में हर तरह के सुधार प्रदान करने में सहायक रहे । 1951 में,प्रो. कौला ने श्रम मंत्रालय में लाइब्रेरियन ज्वाइन किया। 1952 में अपने गुरु रंगनाथन की याद में लाइब्रेरी साइंस में रंगनाथन एंडोमेंट की स्थापना की। फिर उन्होंने 1954 में दिल्ली राज्य के लिए पुस्तकालय विकास योजना और पुस्तकालय विधेयक का मसौदा तैयार किया। प्रो. कौला ने 1955 मे दिल्ली लाइब्रेरी एसोसिएशन के स्कूल ऑफ लाइब्रेरी साइंस की स्थापना की। 1960 मे प्रो. कौला ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन और पुस्तकालय विज्ञान बिभाग में मुख्य विभागाध्यक्ष से जुड़े, और उन्होंने 1971 तक लगातार दोनों पदों पर कुशलता से कार्य किया, फिर 1971 मे पुस्तकालय विज्ञान विभाग को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय से अलग कर दिया गया था। फिर प्रो. कौला ने सेवानिवृत्ति (1983) तक पुस्तकालय विज्ञान विभाग के मुख्य विभागाध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे।

पृथ्वी नाथ कौला द्वारा किये प्रकाशन (Publications by P. N. Kaula)

पृथ्वी नाथ कौला ने 60 पुस्तकों, 400 लघु पेपर, 400 समीक्षा, 43 ग्रंथसूची (Bibliographies) और 6000 नोटों के लगभग प्रकाशन किया और उन्होंने 25 से अधिक देशों का दौरा किया और उन देशों के विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिया।

1. Treatise on Colon Classification appended with Select Bibliography on the Scheme. (1950).
2. Autobiography of Dr. S. R. Ranganthan. (1970)
3. The National Library of India: A Critical Sturdy. (1970)
4. Library Building, Planning and Design (1971)
5. Kashmir main Ilml Inqalab(Educational Revolution in Kashmir)
6. Tasvir-e-Kashmir (Mirror of Kashir)
7. Kashmir Speaks
8. Kashmir Darshan (View of Kashmir)
9. International and Comparative Librarianship and Information System (1996)
10. Library Science Today : Ranganathan Festschrift (1965)
11. Indaian Library Literature : A Bibliography of Publications (1956)

लाइब्रेरी साइंस में योगदान

1. Member, ILA Since (1946)
2. Member, Executive Council, ILA (1945-53 and 1956-62)
3. Founder and General Secretary, DLA (1953-55)
4. Vice President, DLS (1956-58)
6. Vice President, GILA (1956-58)
7. Founder Chairman, FILA
8. Founder, Jammu and Kashmir Library Association
9. President, IATLIS (1973-1984)
10. Founder General Secretary, IATALIS (1969-1973)
11. Patron, Indian Music Academy, Calcutta.
12. Patron, Indian College Library Association, Hyderabad and Delhi.
13. Patron, IATLIS.
14. Chief Patron, Library Council, Jamshedpur.
15. President, Second A. P. Public Library Conference, Hyderabad.
16. Chairman, Council of Literacy and adult Education.
17. University Librarian, BHU Varanasi.
18. Emeritus Professor, Lucknow University, Lucknow.
19. UNESCO Expert and Consultant.
20. Counselor, International Council for professional Education
21. Cheirman, Panel of Library and information Science, UGC, New Delhi.

पुरस्कार और सम्मान:-

प्रो. कौला को अपने लंबे पेशेवर कैरियर के दौरान लाइब्रेरियनशिप के क्षेत्र में उनके अपार योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान मिले। हालाँकि, भारत सरकार ने उन्हें पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए 30 जून 2004 को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन मे भारत के राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने पद्मश्री पुरस्कार दिया। अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मे मुंडी बेनिफिशियो मेडल :ब्राजील (Mundi Beneficio medal :Brazil), डॉयचे बुचरेल मेडल : जर्मनी (Deutsche Bucherel medal : Germany) और होउनुर मेडल :यूएसए (Medal of Hounur : USA) दीये गए ।

प्रो. कौला को दीये गए अन्य पुरस्कार :

1. Felicitation By 17 professional organizations at Hyderabad in 1974.
2. Indian library movement award in 1974.
3. Special number of professional journals – kaula number in 1975.
4. Kaula festschrift Volume in 1979.
5. Plaque of honor, international Biographical institute, Cambridge in 1970.
6. International roll of honor, plaque American biographical institute in 1983
7. Dimensions of library and Information Science : Kaula Festschrift, kaula endowment for library and information Science.

Card image cap

पी. एन. कौला
P.N. Kalula

पूरा नाम पृथ्वी नाथ कौला
(Prithvi Nath Kaula)
जन्म 13 मार्च 1924
जन्म भूमि हब्बाकदल,श्रीनगर
(Habbakadal, Srinagar)
पिता दामोदर कौला
(Damodar Kaula)
माता पोश कुंजी कौला
(Posh Kuji Kaula)
पुत्र राजीव कौला, अनिल कौला
पुत्री संगीता कौला, नीरजा कौला व नमिता कौला
नागरिकता भारतीय
कर्म-क्षेत्र पुस्तकालय विज्ञान
(Library and Information Science)