अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024 | International Mother Language Day 2024

प्रतिवर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) मनाया जाता है। वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने वर्ष 1999 में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया था, 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का सुझाव कनाडा में रहने वाले बांग्लादेशी रफीकुल इस्लाम ने दिया था। यह दिन बांग्लादेश द्वारा अपनी मातृभाषा बांग्ला की रक्षा के लिये किये गए संघर्ष को भी प्रदर्शित करता है।

उद्देश्य | Objective

विश्व के विभिन्न क्षेत्रों की विविध संस्कृतियों एवं बौद्धिक विरासत की रक्षा करना तथा मातृभाषाओं का संरक्षण करना एवं उन्हें बढ़ावा देना है।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024 की थीम – “बहुभाषी शिक्षा अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ है” है।

महत्वपूर्ण तथ्य | Important Facts

यूनेस्को ने भाषायी विरासत के संरक्षण हेतु मातृभाषा आधारित शिक्षा के महत्त्व पर ज़ोर देना तथा सांस्कृतिक विविधता की रक्षा के लिये स्वदेशी भाषाओं का अंतर्राष्ट्रीय दशक शुरू करना।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, हर दो सप्ताह में एक भाषा विलुप्त हो जाती है, और विश्व एक पूरी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत खो देता है।
भारत में यह विशेष रूप से उन जनजातीय क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है, जहाँ बच्चे उन विद्यालयों में सीखने के लिये संघर्ष करते हैं जिनमें उनको मातृ भाषा में निर्देश नहीं दिया जाता है।
ओडिशा में केवल 6 जनजातीय भाषाओं में एक लिखित लिपि है, जिससे बहुत से लोग साहित्य और शैक्षिक सामग्री तक पहुँच से वंचित हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2022 और वर्ष 2032 के मध्य की अवधि को स्वदेशी भाषाओं के अंतर्राष्ट्रीय दशक के रूप में नामित किया है।
16 मई 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने प्रस्ताव में सदस्य देशों से "दुनिया के लोगों द्वारा बोली जाने वाली सभी भाषाओं के संरक्षण और इन भाषाओं को बढ़ावा देने" का आह्वान किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बहुभाषावाद और बहुसंस्कृतिवाद के माध्यम से विविधता और अंतर्राष्ट्रीय समझ में एकता को बढ़ावा देने के लिए 2008 को अंतर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष के रूप में घोषित किया।
विश्व स्तर पर,लगभग 40 प्रतिशत आबादी की उस भाषा में शिक्षा तक पहुंच नहीं है जिसे वे बोलते या समझते हैं।
दुनिया में बोली जाने वाली अनुमानित 6000 भाषाओं में से लगभग 43% संकट में हैं।

भारतीय संविधान में भाषा से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

अनुच्छेद 120 - संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा।
अनुच्छेद 210 - विधान-मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा।
अनुच्छेद 343 - संघ की राजभाषा।
अनुच्छेद 344 - राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति।
अनुच्छेद 345 - राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं।
अनुच्छेद 346 - एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा।
अनुच्छेद 347 - किसी राज्य की जनसंख्या के किसी भाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध।
अनुच्छेद 348 - उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा।
अनुच्छेद 349 - भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया।
अनुच्छेद 350 - व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा।
अनुच्छेद 350 (क) - प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं।
अनुच्छेद 350 (ख) - भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए विशेष अधिकारी।
अनुच्छेद 351 - हिंदी भाषा के विकास के लिए निदेश।

नई शिक्षा नीति, 2020 में प्राथमिक विद्यालय से ही शिक्षा को मातृभाषा में ही जोर दिया गया है, जिससे बच्चों की शिक्षा और समझ में सुधार हो सके।