“अमीरों में अधिकांश अपराध लालच के चलते किए जाते हैं। लेकिन गरीबों में अपराध निराशा और गुस्से की वजह से होते हैं।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“भारतीयों का भगवान सूर्य के साथ एक अजीब ही रिश्ता है। कभी वो चाहते हैं कि सूर्य देवता निकलें और कभी चाहतें हैं कि न निकलें। गर्मियों में वो उनके तेज से डर जाते हैं। वो उनसे प्रार्थना करते हैं कि वो शांत हो जाएं, और अगर हो सके तो बादलों के पीछे ही छिप जाएं। वहीं सर्दियों में, वो उनसे पूरे तेज से चमकने की गुज़ारिश करते हैं, जिससे मौसम की सर्दी कुछ कम हो सके।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“किसी भी चीज की अति जीवन में अंसतुलन लाती है।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“पेट भूखा होने पर हर कोई अपना चरित्र बचाए नहीं रख पाता है।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“अपनी मंजिल तय करने के लिए दिल की सुनो, लेकिन मंजिल तक पहुंचने की रणनीति बनाने के लिए दिमाग का इस्तेमाल करो।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“आजादी अच्छी है, लेकिन संतुलन में। ज्यादा आजादी तबाही की तैयारी है।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“कभी-कभी, आदर्श राज्य बनाने के लिए, अधिनायक को समय की जरूरत के हिसाब से निर्णय लेने पड़ते हैं; भले ही वह अल्पावधि में उचित ना लगे।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“अंधेरे से डरो अंधेरे से मत डरो। प्रकाश एक स्रोत होता है। वह कभी भी छीन सकता है। लेकिन अंधेरे का कोई स्रोत नहीं होता। उसका अपना अस्तित्व होता है। यही अंधेरा उसका मार्ग है, जिसका कोई स्रोत नहीं है : ईश्वर ।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“अपनी मंजिल तय करने के लिए दिल की सुनो, लेकिन मंजिल तक पहुंचने की रणनीति बनाने के लिए दिमाग का इस्तेमाल करो। सिर्फ अपने दिल की ही सुनने वाले लोग अक्सर असफल हो जाते हैं । जबकि दूसरी तरफ जो सिर्फ अपने दिमाग की सुनते हैं वह स्वार्थी है।”

― Amish Tripathi, सीता: मिथिला की योद्धा

“एक सम्राट ने बड़ी खूबसूरत बात कही थी: धर्म सबसे ऊपर है, राजा से भी। धर्म तो खुद भगवान से भी ऊपर है।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“आपके जन्म से नहीं, बल्कि कार्यों से आपकी पहचान होती है।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“इंसान कर्म से ब्राह्मण बनता है, जन्म से नहीं।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“मेरे लिए जो क्रांति है, उसे अक्सर वही लोग धोखा कहते हैं, जिनके लिए इसका आह‌वान किया गया...”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“हमारी सभ्यता अब पतन की स्थिति में पहुंच गई है। हम दुनिया में सबसे पाखंडी लोग हैं। हम दूसरों की भ्रष्टता की बुराई करते हैं, लेकिन अपनी बेईमानी पर आंखें मूंदे बैठे हैं। हम दूसरों से नफरत करते हैं, क्योंकि वे ग़लत काम करते हैं, अपराधी हैं, लेकिन अपनी गलतियों को, भले ही वे छोटी हों या बड़ीं, अनदेखा कर जाते हैं। अपनी मुसीबतों के लिए हम रावण को दोष देते हैं, यह भूल जाते हैं कि जिस दलदल में हम हैं, वह हमारा खुद का बनाया हुआ है।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“किसी महान आदमी की सफलताओं से सीख सकते हो, उससे अधिक उसकी असफलता से सीखा जा सकता है।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“देव भी कायर नहीं थे। वह क्षत्रियों का समय था, योद्धा के गुणों को सर्वोपरि रखा जाता था। युद्ध कौशल में देव भी असुरों से बेहतर नहीं तो, उनके मुकाबले के थे। असुर इसलिए सफल हुए, क्योंकि वे समान लक्ष्य के प्रति समर्पित थे। देवताओं में बहुत मत भिन्नताएं थीं।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“किसी महान आदमी की सफलताओं से सीख सकते हो, उससे अधिक उसकी असफलता से सीखा जा सकता है।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“एक मासूम नारी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“निस्संदेह सम्मानीय व्यक्ति भी कभी खराब अधिनायक साबित होते हैं। इसी तरह विवादास्पद चरित्र के व्यक्ति में भी वो गुण देखे जा सकते हैं, जिसकी एक राष्ट्र को ज़रूरत होती है।”

― Amish Tripathi, इक्ष्वाकु के वंशज

“तुम दूसरों के कर्मों के परिणामों के साथ जीवनयापन नहीं करते। तुम अपने कर्मों के परिणामों के साथ जीवनयापन करते हो।”

― Amish Tripathi, नागाओं का रहस्य